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सरकारी जमीन को लेकर नीतीश सरकार ने बनाया जबरदस्त मॉडल।

सिहेक्ट मिडिया से विनकटेश शर्मा के खास रिपोर्ट :- बिहार में अक्सर आपको ऐसी खबरें सुनने को मिलती होंगी कि यात्रियों ने सरकारी जमीन निजी हाथों में बेच डाली लेकिन अब बिहार के अंदर ऐसा करना आसान नहीं होगा। अब कोई भी जालसाज सरकारी जमीन बेच नहीं पायेगा। सरकारी जमीन की रजिस्ट्री ही नहीं हो सकेगी। अगर सरकार खुद किसी जरूरतवश रजिस्ट्री कराना चाहे तो उसपर रोक नहीं रहेगी। इसके लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग राज्य के सभी सरकारी भूखंडों की जानकारी निबंधन विभाग को देगा।

निबंधन विभाग उस प्लाट की जानकारी जिलावार अपने कार्यालयों को भेज देगा और उस भूखंड की रजिस्ट्री बिना सरकारी अनुमति के नहीं होगी। सरकारी जमीन पर विवाद का मुकदमा हारने पर लापरवाह कर्मियों से राशि वसूलने का आदेश देने के बाद राजस्व विभाग का विवाद कम करने का यह नया फंडा है। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अपने क्षेत्र के सभी सरकारी भूखंडों की सूची बनाने का आदेश सभी अचंलों को दे दिया है। इससे जुड़ा पत्र सभी डीएम को दिया गया है, ताकि वह पूरी व्यवस्था पर नजर रखी जा सके।

सरकारी जमीन की सूची तैयार हो जाने पर उसे निबंधन कार्यालय को उपलब्ध करा दिया जाएगा। सरकारी जमीन का रिकार्ड बनाने का काम राजस्व विभाग में पहले से चल रहा है, लेकिन यह काम उन बीस जिलों में ही हो रहा था जहां सर्वे चल रहा है। उन जिलों के लिए दो साल पहले ही विभाग ने सभी सरकारी विभागों को भी अपनी जमीन का ब्योरा देने का निर्देश दिया था। लेकिन इसकी गति इतनी मंद रही कि अब तक लगभग एक लाख भूखंड की ही जानकारी मिल पाई है। लिहाजा विभाग ने एक बार फिर सभी डीएम को सरकारी जमीन की सूची बनाने को कहा गया है। साथ ही नई व्यवस्था सभी जिलों में लागू की गई है।

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