पत्रकारिता के इतिहास में सुनहरा दिन-सिने आजकल।
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पत्रकारिता के इतिहास में सुनहरा दिन-सिने आजकल।

*छत्तीसगढ़ में 'मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक' पास*

*बड़ा सवाल :* किसे माना जाएगा मीडिया कर्मी

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भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में 22 मार्च 2023 का दिन एक सुनहरे अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है। भारी शोर-शराबा एवं विपक्षी भाजपा विधायकों के वाकआउट के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा में बुधवार को 'छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक' को सर्वसम्मति से पारित करा दिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विधेयक को 'ऐतिहासिक' करार दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास जनसंपर्क विभाग भी है। गौरतलब है कि, कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून लाने का वादा किया था।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि विधेयक का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में काम कर रहे मीडियाकर्मियों के खिलाफ हिंसा को रोकना और मीडियाकर्मियों और मीडिया संस्थानों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि 'हिंसक कृत्य से मीडियाकर्मियों या मीडिया संस्थानों की संपत्ति को नुकसान और क्षति होने का खतरा रहता है जिससे राज्य में अशांति पैदा हो सकती है। कई बार कानून लागू करने की मांग की गई और इस संबंध में 2019 में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आफताब आलम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। यह कानून सभी (संबंधित पक्षों) के परामर्श से तैयार किया गया है। यह दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा और यह एक ऐतिहासिक दिन है।'

*किसे माना जाएगा मीडिया कर्मी :*

'छत्तीसगढ़ मीडियाकर्मी सुरक्षा विधेयक' के प्रारूपों की बात करें तो मीडिया संस्थानों में कार्यरत संपादक, लेखक, समाचार संपादक, उपसंपादक, फीचर लेखक, कॉपी एडिटर, संवाददाता, कार्टूनिस्ट, न्यूज फोटोग्राफर, वीडियो पत्रकार, अनुवादक, प्रशिक्षु मीडियाकर्मी, स्वतंत्र पत्रकार जिसे शासन की अधिमान्यता मिली हो मीडियाकर्मी माना गया है।

विधेयक के अनुसार छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे और पत्रकारिता कर रहे मीडियाकर्मियों का पंजीकरण होगा। इसके अनुसार, एक व्यक्ति जिसने पिछले तीन महीनों में मीडिया संस्थान में लेखक या सह-लेखक के रूप में छह लेख या समाचार प्रकाशित किए हैं या एक व्यक्ति जिसने पिछले छह महीनों में समाचार संकलन के लिए मीडिया संगठनों से न्यूनतम तीन भुगतान प्राप्त किए हैं, वह पंजीकरण के लिए पात्र होगा। मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए गठित एक समिति पंजीकरण प्राधिकरण का कार्य करेगी। अधिसूचना के प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर शासन मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन करेगा।

सिहेक्ट मीडिया छत्तीसगढ़ से विजय कुमार की खबर खास खबर

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