पानी नहीं सहेजा, तो आँखों में ही दिखेगा-ओमप्रकाश प्रजापति
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पानी नहीं सहेजा, तो आँखों में ही दिखेगा-ओमप्रकाश प्रजापति

सिने आजकल दिल्ली- पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है जिसमे से 1.6% पानी जमीन के नीचे पाया जाता है। पृथ्वी की सतह पर पाए जाने वाले जल का 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है, जो कि बहुत ज्यादा खारा होने के कारण पीने के काम में नहीं आता है, केवल 3% जल ही पीने लायक है। बढ़ती जनसँख्या के लिए पानी की उपलब्धता हेतु विश्वभर में प्रयास किये जा रहे हैं। पानी की कमी का संकट कुछ देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों के लिए एक विकट समस्या बन चुकी है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए जल संरक्षण और रखरखाव को लेकर दुनियाभर के लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों के लोगों को में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। जल संरक्षण के महत्व को समझने के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में जारी किया गया है, विश्व जल दिवस का उद्देश्य दुनिया के सभी देशों में स्वच्छ और सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को जल के लिए विश्व दिवस घोषित किया गया, जिसे 1993 से मनाया जाना शुरू हुआ। जल के बिना जीवन असंभव है। पानी बचाएं। जीवन बचाएं। हर छोटी बूंद के साथ, पृथ्वी पर जीने के लिए एक दिन कम है। “जल ही जीवन है” जल मनुष्य और जीव-जंतुओं के लिए बेहद जरूरी है। घर का काम करना हो, नहाना हो, पीना हो, खेती करनी हो, आदि सभी कामों के लिए जल बेहद जरूरी है। अतः पानी के बिना जीवन की कल्पना मात्र से ही डर लगने लगता है। अब समय आ गया है जब हमें वर्षा का पानी अधिक से अधिक बचाने की कोशिश करनी चाहिए। बारिश की एक-एक बूँद अत्यंत कीमती है। इन्हें सहेज कर रखना बहुत ही आवश्यक है। यदि हम लोगों के द्वारा अभी पानी नहीं सहेजा गया, तो संभव है पानी केवल हमारी आँखों में ही बच पाएगा।

सिहेक्ट मीडिया दिल्ली से खास खबर

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