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पत्रकारों पर हमला देश के लिए खतरा है !

पटना - पत्रकारों पर हमला एक फैशन सा बन गया है ! सबसे कमजोर प्राणी लोगों को पत्रकार ही दिखाई देता है ! इसीलिए जब चाहे जहां चाहे मारपीट करना, गाली गलोज करना, झूठे मुकदमे में फंसाना और सुपारी देकर हत्या करवा देना ! इस तरह के घिनौने अपराध देश के लिए खतरा है ! पिछले दिनों सीतापुर उत्तर प्रदेश के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या चार लाख रुपए की सुपारी देकर करवाया गया था ! मामला था एक स्थानीय मंदिर के पुजारी घिनौने अपराध मे शामिल था ! जिला एसपी चक्रेश मिश्रा के अनुसार तीन शूटर को गिरफ्तार किया जा चूका है चौथा आरोपी अभी भी फरार है ! फिलहाल पुलिस ने विकास कुमार,निर्मल सिंह एवं असलम गाजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है ! करीब करीब 35 दिनों तक पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए कड़ी मस्कत किया ! 8 मार्च 2025 को महोली गांव के हेमपुर ब्रिज के पास दोपहर 3:30 बजे अपराधियों ने पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई को चार गोली मारा था ! मौके घटनास्थल पर ही पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की मौत हो गई थी ! मंदिर के पुजारी रमाकांत मिश्रा एवं विकास राठौड़ ऊर्फ शिवानंद बाबा अपना पहचान छुपा कर मंदिर मे पूजा पाठ करता था ! घटना के कुछ दिन पहले ही मंदिर के अंदर पुजारी रमाकांत मिश्रा को विकास राठौड़ के साथ आपत्तिजनक स्थिति में गलत काम करते हुए राघवेंद्र ने देख लिया था ! बस इतनी सी बात को लेकर मंदिर के पुजारी रमाकांत मिश्रा अपने रास्ते के कांटे को साफ करने के लिए चार लाख रुपए का सुपारी देकर पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की हत्या करवा दिया ! इस हत्याकांड में करीब करीब 125 संदिग्ध लोगों से पुलिस ने पूछताछ किया ! ढाई सौ सीसीटीवी कैमरे को खंगहाला तब जाकर सच्चाई सामने आया ! चौथा शूटर जिस पर ₹25,000 / का पुलिस ने ईनाम रखा है वो अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है !

30 जनवरी 2025 को पत्रकार कुणाल शेखर एवं सुमित कुमार के साथभागलपुर मे मारपीट किया गया !

इस मामले मे तिलका मांझी थाना भागलपुर में मामला दर्ज करवाया किया गया ! तिलका मांझी थाना कांड संख्या 29/25 के तहत धारा 126 (2) / 352 / 351 (2) / 115 (2) / 303 (2) / 3/5 के तहत भागलपुर सांसद अजय मंडल एवं उनके गुंडों के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ किया गया ! सांसद अजय मंडल को 31 जनवरी 2025 को भागलपुर सेजीएम कोर्ट से जमानत भी मिल गई ! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्रकारों के साथ मारपीट किए जाने का मामला शायद याद नहीं होगा !

पत्रकारिता करने के लिए अच्छे डिग्री का होना जरूरी है, वर्क एक्सपीरियंस का होना जरूरी है , भारतीय संविधान के प्रोटोकॉल का होना जरूरी है ! शायद यही सबसे बड़ी पत्रकारों की कमजोरी है ! संविधान के अनुसार चौथा स्तंभ कहे जाने वाले भारतीय मीडिया का अस्तर ऐसे लोगों की वजह से दिन प्रति दिन गिरता जा रहा है ! बड़े शर्मनाक बात है की जो पत्रकार भूखे प्यासे रहकर अपने देश व समाज के लिए काम करते है ! मुखिया से लेकर मंत्री तक अगर किसी को एक छिक भी आ जाए तो पत्रकार बंधु दौड़कर अपने नेता के पास जाते है ! उनकी हाल-चाल पूछते हैं ! उनके फोटोग्राफ वीडियो मीडिया के माध्यम से समाज और सरकार तक पहुंचाते है ! पत्रकारों का कोई मां बाप नहीं, कोई सरकारी सैलरी नहीं, कोई सरकारी फंड नहीं है, कोई सरकारी आवास नहीं ,कोई रिटायरमेंट नहीं , और अगर उनकी मौत हो जाए तो सरकार का कोई सपोर्ट सहयोंग नहीं ! एक आम आदमी से खास आदमी बन जाता है !



कुर्सी सत्ता का पवार मिल जाता है ! तब वही आदमी अपने गांव समाज के लिए एक शासक के रूप में काम करने लगता है ! फॉर्च्यूनर स्कॉर्पियो गाड़ीया 10-20 गुंडे को साथ लेकर घूमने लगता है ! जिस इंसान ने वोट देकर जिताया है उसी पर हुकूमत करने लगता है ! तो कभी-कभी ये सब सोच कर मन विचलित होता है और मन में एक ही ख्याल आता है इस आज़ादी से तो अच्छी अंग्रेजों की गुलामी थी ! कम से कम यह तो फील होता था कि हम गुलाम हैं ! आज हमारा देश आजाद तो है लेकीन ऐसा लगता है जैसे आज भी हम गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं ! आज गली गली में अंग्रेज है ! करप्शन भ्रष्टाचार घोटाला दादागिरी गुंडागर्दी खादी खाकी का खौफ ! सफेद कपड़े में छुपे हुए उन भेड़ियों का खौफ जो अक्सर चुन चुन कर रोजाना समाज के गरीब कमजोर लोगों को शिकार करता हैं !! वह रे हमारा समाज वाह रे मुखिया मंत्री ! ऐसे अत्याचारों को देखने के बाद यही महसूस होता है की कैमरा माइक के साथ साथ एक हथियार भी रखना चाहिए ! ताकी हम अपने और अपने परिवार की आत्म सुरक्षा कर सके ! यही है देश का विधि विधान है !


राहुल खन्ना

पटना

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